देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे ने समस्त देश एवँ प्रदेश वासियों को ‘हिमालय दिवस’ के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने हिमालय दिवस पर अपने संदेश में कहा, समस्त देशवासियों को ‘हिमालय दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। हिमालय केवल एक भौगोलिक संरचना नहीं है बल्कि यह जीवन का एक महत्वपूर्ण स्रोत और पारिस्थितिकी संतुलन का अभिन्न अंग है। पर्वतराज हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। बर्फ के घर यानी हिमालय को बचाने की पहल अतिआवश्यक है। इस पर्वत श्रृंखला की रक्षा बेहद जरूरी है। अब भी न जागे तो देर हो जाएगी। हिमालय के खतरे में पड़ने का मतलब पर्यावरण के साथ ही कई संस्कृतियों का खतरे में पड़ना है।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा, हिमालय हमारा भविष्य एवं विरासत दोनों है। हिमालय के सुरक्षित रहने पर ही इससे निकलने वाली नदियां भी सुरक्षित रह पायेंगी। उन्होंने कहा कि हिमालय की इन पावन नदियों के जल एवं जलवायु से देश का अधिकांश भाग लाभान्वित होता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा, बीते कुछ वर्षों में हिमालय के ग्लेशियर पिघलने की गति तेज हुई है। राज्य में स्थित ग्लेशियर तेजी से सिकुड़ रहे हैं। इन्हीं से गंगा और यमुना जैसी कईं नदियाँ निकलती हैं। उन्होंने कहा कि हिमालय की रक्षा तभी होगी जब उसकी गोद में रचे-बसे करोड़ों लोग वहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षो में जिस गति से पलायन हुआ है, उसने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। अगर पलायन की गति यूं ही बनी रही तो पहाड़ वीरान रह जाएंगे पहाड़ के निवासियों को पलायन करने से रोकने के लिए उनकी आजीविका के ठोस इंतजाम किए जाने की आवश्यकता है।
भावना पांडे ने कहा, हिमालय हमारे जीवन के सरोकारों से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय है। हिमालय के संरक्षण के लिए इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, नदियों एवं वनों का संरक्षण बेहद जरूरी है। हिमालय संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाये जाने के साथ ही सभी हिमालयी राज्यों को आपसी समन्वय के साथ हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्प लेने की आवश्यकता है।