May 15, 2024

पर्वत वाणी

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हरिद्वार क्षेत्र की जनता के दिलों में अपनी खास जगह बनायी भावना पांडे ने

हरिद्वार। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी, जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ हरिद्वार लोकसभा सीट से धाकड़ प्रत्याशी भावना पांडे हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में विरोधी दलों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। क्षेत्र में उनकी लगातार बढ़ती हुई लोकप्रियता ने विरोधियों को चिंता में डाल दिया है।

यदि हरिद्वार लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की ही बात करें तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस और भाजपा का ही दबदबा रहा है किंतु ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी दमदार निर्दलीय प्रत्याशी को जनता इतना पसंद कर रही हो। धाकड़ दीदी के नाम से मशहूर भावना पांडे ने हरिद्वार क्षेत्र की जनता के दिलों में अपनी एक अलग छवि व खास जगह बना ली है, जिसका पूरा फायदा उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।

कहना ना होगा कि उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे हरिद्वार लोकसभा सीट पर तीसरा विकल्प बन चुकी हैं जो भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर उन्हें चुनौती देती दिख रही हैं। वहीं भावना पांडे का कहना है कि बीते वर्षों में कांग्रेस और बीजेपी के सांसदों ने हरिद्वार क्षेत्र की जनता के लिए कुछ नहीं किया, ये नेता सिर्फ वोट लेने के लिए लोगों से झूठे वायदे करते हैं और कुर्सी मिलते ही आम जनता को भूल जाते हैं।

भावना पांडे ने कहा कि आज हरिद्वार क्षेत्र की जनता बुरी तरह से त्रस्त है, किसानों की दुर्दशा और युवाओं की बेरोजगारी के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। बीजेपी के सांसद ने कभी हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में झांकने तक की कोशिश नहीं की, विकास के दृष्टिकोण से हरिद्वार आज काफी पीछे है। जब इन नेताओं ने हरिद्वार के लिए कुछ किया ही नहीं फिर भला ये किस मुँह से जनता से वोट मांग रहे हैं, आखिर कब तक बीजेपी के नेता मोदी लहर और राम नाम का सहारा लेकर जीत पाएंगे।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार की जनता अब जाग उठी है, इस लोकसभा चुनाव में जनता राम के नाम पर नहीं बल्कि काम के नाम पर वोट करेगी। बीजेपी के नेताओं ने सिर्फ भोलीभाली जनता को छला है, इस बार इनका ये छल-कपट और नहीं चल पाएगा। इस बार जनता भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के कर्मों का पूरा हिसाब करने के मूड में है, इस आम चुनाव में मतलबी दलों को जनाक्रोश का खामियाजा भुगतना होगा।

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