November 16, 2024

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उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता, कही ये बात

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने देशभर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर दुःख जताया। उन्होंने कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर रोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए जो भी जिम्मेदार है उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए, ऐसी सज़ा दी जानी चाहिए कि ऐसा पाप करने के बारे में सोचने वालों की रूह कांप जाए।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि आज प्रदेश व देश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। हाल ही में हरिद्वार जनपद के संतरशाह में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई किन्तु बड़े अफसोस की बात है कि डेढ़ माह से भी अधिक समय व्यतीत हो गया मगर आरोपी पकड़े नहीं गये। हरिद्वार की बेटी के दोषी आज भी खुले घूम रहे हैं। वहीं रुद्रपुर में भी एक नर्स के साथ दरिंदगी के बाद उसकी हत्या कर दी गई। 30 जुलाई से लापता नर्स का कंकाल बीते दिनों उसकी कॉलोनी को जाने वाली सड़क के पास एक खाली प्लॉट की झाड़ियों से बरामद हुआ था। परिजनों ने कपड़ों के आधार पर उसकी शिनाख्त की थी। ऐसी ही दर्दनाक घटना अब कोलकाता में भी घटित हुई है। उन्होंने प्रदेश की धामी व केन्द्र की मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और आरोपियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाना चाहिए।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि कोलकाता की घटना के विरोध में आज ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देशभर के डॉक्टर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रोष जाहिर कर रहे हैं और देश की बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। प्रदेशभर के डॉक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, श्रीनगर, चमोली और उत्तकाशी समेत सभी जिलों के अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप हैं।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि ये बड़े ही अफसोस की बात है कि धरती के ‘भगवान’ कहे जाने वाले डॉक्टर्स भी आज सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने महिला स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के जिला, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे सेवाएं देते हैं, लेकिन रात्रि ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय नहीं है। अस्पतालों में ड्यूटी रूम तक नहीं है। आये दिन महिला स्टाफ व नर्सों के साथ छेड़छाड़ व अभद्रता की शिकायतें सामने आती रहती हैं। भावना पांडे ने कोलकाता और उत्तराखंड की घटनाओं को लेकर सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन सभी मामलों की सीबीआई से जांच करवाई जाए और दोषियों को फांसी की सज़ा दी जाए।

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