देहरादून। उत्तराखंड राज्य में बढ़ती डेंगू माहमारी सहित अन्य संक्रामक रोगो से आम जनजीवन को बचाने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के संसाधनों को अधिक प्रभावी बनाने हेतु संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से मुख्यसचिव, स्वास्थ्य सचिव, नगर आयुक्त मेयर तथा जिलाधिकारी को सुझाव पत्र भेजे गये।
इनमे बताया गया है कि सड़कों के किनारे नालों तथा गलियों की छोटी नालियों में फॉगिंग हेतु प्रयोग किया जा रहे दुपहिया तथा बड़े वाहनों में जो मशीनें लगाई गई हैं उनके नोजल धरातल से 4 फीट ऊंचे हैं। इससे फागिंग नालियों में कम और हवा में ज्यादा उड़ायी जा रही है। डेंगू आदि के लारवा नालियो मे रूके पानी में होते हैं, जहां कीटनाशक का प्रभाव निम्नतम होता है। इससे फॉगिंग का मकसद ही खत्म हो जाता है।
यदि फॉगिंग मशीनों के नोजल का मुख सीधा नालों नालियों के अन्दर होगा तभी डेंगू लार्वा खत्म होंगे। फागिंग के बाद कीटनाशक पाउडर का छिड़काव भी नालियो में जरूरी है। सुझाव दिया गया है कि सभी फॉगिंग मशीनों के नोजल की लंबाई बढ़ाकर ही नालियों में आटोमैटिक/मैन्युअल रूप से अनिवार्य कराई जाए। यदि निकायों के पास इस मद मे बजट की कमी हो तो आपदा प्रबंधन से भी बजट आबंटित किया जाना उपयुक्त होगा।
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