देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे और प्रदेश में आयी आपदा के लिए 1200 करोड़ देने के मामले से उत्तराखंड में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस मामले में राजनीतिक दलों के बीच सियासत तेज हो गई है। जहां कांग्रेस और भाजपा इस मामले को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, तो वहीं इस गंभीर मुद्दे पर उत्तराखंड की बेटी, राज्य आन्दोलनकारी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे ने एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भावना पांडे ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ की सहायता राशि की घोषणा के बाद प्रदेश के आपदा पीड़ित खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उत्तराखंड क़ो प्रधानमंत्री के दौरे से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उत्तराखंड को जो मिला वो बेहद निराश करने वाला है। उत्तराखंड भीषण आपदा की चपेट में है और प्रदेश सरकार द्वारा मांगी गई राशि के सापेक्ष काफी कम वित्तीय सहायता उत्तराखंड को मिली है।
भावना पांडे ने सवाल उठाते हुए कहा, मध्य हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण जिस तरह से बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं उससे निपटने के लिए केंद्र के पास क्या राष्ट्रीय रणनीति है। आपदा में लोगों की संस्कृति, घर, जंगल, खेत व आजीविका के साधन नष्ट हो गए हैं। सरकार किस तरह से उन लोगों की आजीविका पुनर्स्थापित करेगी?
भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा, सरकार द्वारा आपदा राहत के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायताओं को बढ़ाना चाहिए। उत्तराखंड में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां ग्रामीण बेहद कठिन जीवन जीने को विवश हैं। प्रदेश के कईं ऐसे क्षेत्र हैं जो कभी भी प्राकृतिक आपदा की जद में आ सकते हैं परंतु सरकार के पास इन गांवों को बसाने के लिए जमीन नहीं है। सरकार को शीघ्र ही जमीन की व्यवस्था कर इन गांवों को पुनर्स्थापित करना चाहिए। आपदा की घड़ी में सरकार को लोगों पूर्ण सहायता करनी चाहिए।