भालुओं से लड़कर मौत के मुंह से वापस लौटी सुशीला, ऐसे बचाई अपनी जान

देहरादून। अपने खेत में पशुओं के लिए चारापत्ती लेने गई सुशीला भंडारी पर एक नहीं बल्कि दो भालूओं ने हमला किया। सुशीला ने बहादुरी से मुकाबला करते हुए भालुओं को भगा दिया, लेकिन खुद गंभीर रूप से घायल हो गई। भालुओं से हुई इस जंग में सुशीला देवी मौत के मुंह से वापस लौटी हैं

शाम करीब साढे चार बजे जब सुशीला अपने खेत में चारापत्ती काट रही थी। तभी सामने से एक भालू आ गया। सुशीला ने पाठल से मुकाबला करते उसे भगा दिया। लेकिन तभी पीछे से दूसरे भालू ने हमला कर दिया, जिससे उसके माथे और सिर पर गहरे घाव हुए हैं।

जमीन पर गिरने के बाद भी सुशीला ने हिम्मत नहीं हारी। वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। जिसके बाद भालू वहां से जंगल की तरफ भाग गया। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। महिला को घर ले जाने के बाद वाहन से सीधे जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचाया।

उपचार कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि महिला के माथे पर गहरे जख्म हैं। माथे की हड्डी भी टूटी है। महिला का सीटी स्कैन करने के बाद ही पूरी स्थिति साफ होगी। गडूल निवासी मनोज रावत ने कहा कि अस्पताल में भर्ती सुशीला ने उन्हें बताया कि पहले एक भालू ने उन पर हमला किया। उसके बाद पीछे से दूसरे ने हमला किया।

अपने बच्चे के साथ घूम रहा है भालू

रेंजर एनएल डोभाल ने कहा कि गडूल क्षेत्र में भालू अपने बच्चे के साथ घूम रहा है, जो काफी खतरनाक होते हैं। मंगलवार को नरेंद्रनगर आगराखाल में चलड गांव में भी भालू ने बकरी लेकर जा रहे एक युवक को घायल किया है। संभवत ये वहीं भालू हैं।

डोईवाला में भालू के हमले की पहली घटना

स्थानीय निवासियों के अनुसार डोईवाला विधानसभा में इससे पहले कभी भालू ने किसी व्यक्ति पर ऐसा हमला नहीं किया है। वन विभाग का भी मानना है कि ये पहली बार हुआ है। जब किसी भालू ने किसी पर हमला कर घायल किया है। इससे पहले इसी वर्ष आठ जनवरी को अपर जौलीग्रांट में हाथी ने एक वृद्ध दंपत्ती को कुचलकर मार डाला था। तब हाथी द्वारा जान लेने की यह घटना क्षेत्र में पहली बार हुई थी। उसके बाद बीते 27 नवंबर को कालूवाला में एक हाथी से कक्षा छह के छात्र की जान ली थी।

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