देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार पर एक बार फिर से जमकर निशाना साधा और सरकार की गलत नीतियों को लेकर सवाल खड़े किये।
वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। यही नहीं सरकार ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं। अपने हक की मांग कर रहे राज्य के बेरोजगार युवाओं की आवाज को दबाने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा सरकार और उससे जुड़े मंत्री व पदाधिकारी खुलकर बेरोजगार युवाओं का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने ताजा प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि देहरादून के गांधी पार्क के बाहर धरना दे रहे बेरोजगार संगठनों के युवाओं को हटाने के लिए उत्तराखंड सरकार और देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा जोर-जबरदस्ती व बल प्रयोग करने पर उतर आये हैं। इसी के चलते मेयर द्वारा गांधी पार्क के बाहर नोटिस बोर्ड लगवा दिये गये जिन पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था कि ‘‘यहां धरना देना मना है।’’
गौरतलब है कि गांधी पार्क धरना स्थल के तौर पर वर्षों से पहचाना जाता है। कोई भी आन्दोलन हो, आन्दोलनकारी धरना देने के लिए अधिकतर गांधी पार्क के बाहर ही एकत्र होते रहे हैं एवं विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं। यही नहीं गांधी पार्क पृथक राज्य की मांग के लिए किये गये आन्दोलन का भी गवाह रहा है। ऐसे में बेराजगार युवाओं के धरने पर रोक लगाने की कोशिश कर सरकार ने अपने तानाशाह होने का प्रमाण दिया है।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेरोजगार युवाओं के हित के लिए बडे-बड़े दावे किये थे एवं बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के सब्जबाग दिखा कर कईं बड़ी घोषणाएं की थी किन्तु राज्य में पुनः भाजपा की सरकार बनने के बाद भी मुख्यमंत्री ने अपने तमाम वादों को पूरा नहीं किया, वहीं सरकारी नौकरियों की भर्तियों में घोटाले उजागर होने लगे।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बेरोजगारों संग अन्याय किया जा रहा है और विरोध करने पर उन्हें लाठियों से पीटा जा रहा है। यही नहीं झूठे मुकदमें दर्ज कर बेरोजगारों युवाओं को जबरन सलाखों के पीछे धकेला जा रहा है। उन्होंने सरकार से बड़ा सवाल पूछते हुए कहा कि अपने हक की मांग करना गुनाह कब से हो गया। हम राज्य आन्दोलनकारियों ने अपनी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के सपने सजाकर राज्य आन्दोलन में कुर्बानियां दी थी किन्तु आज हमारे युवाओं के सपनों को चूर-चूर होते देख बड़ा दुख होता है। उन्होंने धामी सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार शीघ्र ही युवाओं के हित में ठोस कदम उठाए, अन्यथा उसे जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
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