देहरादून। राजधानी देहरादून में रेडियोएक्टिव उपकरण मिलने से हलचल मची हुई। खरीद फरोख्त करते पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले में दिल्ली और फरीदाबाद तक कनेक्शन सामने आ रहे है। वहीं अब भाभा परमाणु शोध केंद्र पर नजर टिकी है। शोध केंद्र की जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी।
संदिग्ध रेडियोएक्टिव उपकरण की खरीद फरोख्त करते पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उपकरण की डील पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन के बंगले पर (जिसे आरोपियों ने किराये पर लिया था) की जा रही थी। शुरुआत में उपकरण की जांच एसडीआरएफ ने की। इसके बाद नरौरा एटॉमिक पावर स्टेशन की रेडिएशन रिस्पांस टीम ने प्रथमदृष्टया रेडियोएक्टिव पदार्थ न होने की पुष्टि की है। हालांकि, कुछ रसायन इससे मिलते जुलते हो सकते हैं। उपकरण को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भेजा रहा है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोगों के पास एक रेडियोएक्टिव उपकरण है या पदार्थ जिसकी खरीद-फरोख्त की बात की जा रही है। राजपुर पुलिस को भेजा गया तो मकान में पांच लोग मिले। इनके पास मिले उपकरण पर रेडियोग्राफी कैमरा और निर्माता का नाम बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, बीएआरसी/बीआरआईटी, वाशी कॉम्प्लेक्स सेक्टर-20 वाशी नवी मुंबई लिखा हुआ है। एक काले रंग का बॉक्स भी मिला। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इसे खोलने पर रेडिएशन फैलने का खतरा हो सकता है।
आरोपियों ने बताया कि उपकरण तबरेज आलम ने 10 महीने पहले सहारनपुर निवासी राशिद से खरीदा था। अब आगरा निवासी सुमित पाठक से इसकी खरीद-फरोख्त की बात चल रही थी। एसएसपी ने बताया कि इसमें दिल्ली और फरीदाबाद के कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। इनके संबंध में जानकारी की जा रही है। फिलहाल, इस उपकरण से किसी प्रकार के खतरे की बात नहीं बताई जा रही है।
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