November 23, 2024

पर्वत वाणी

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मतलबी दलों के हाथों छली गई है उत्तराखंड की जनता : जनसेवी भावना पांडे

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे बीते कईं वर्षों से जनसेवा के कार्य करती आ रहीं हैं। अपने समाज सेवा के कार्यों के दौरान उन्होंने पहाड़ की पीड़ा और उत्तराखंड वासियों की तकलीफों को बेहद करीब से देखा और महसूस किया। तभी उन्होंने मन में ये ठान लिया कि वे राज्य की जनता के दुःख-दर्द मिटाने के लिए राजनीतिक दल का गठन करेंगी।

जिसके पश्चात उन्होंने अपने संकल्प को अमलीजामा पहनाया और जनता कैबिनेट पार्टी के नाम से एक राजनीतिक दल (जेसीपी) का गठन किया। जेसीपी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का कहना है कि उन्हें राजनीति करने का कोई शौंक नहीं है। वे पहाड़ की महिलाओं के दुःख-दर्द व राज्य के बेरोजगार युवाओं की दुर्दशा को देख राजनीति में उतरीं हैं, लेकिन फिलहाल वे पार्टी पॉलिटिक्स न करके समाजसेवा के कार्यों में ही समय दे रहीं हैं।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड की जनता आजतक बस बीजेपी और कांग्रेस पर ही दाव खेलती आई है और बार-बार इन्हीं मतलबी दलों के हाथों छली गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने उत्तराखंड के हित में कोई काम नहीं किया, पहाड़वासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में तकलीफें झेलने को विवश हैं। राज्य की मातृशक्ति एवँ युवा बेरोजगारी की मार झेल रहें हैं। परिणाम स्वरुप पहाड़ों से तेजी से पलायन हो रहा है और गांव खाली हो रहे हैं।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने बेरोजगार आंदोलनकारी युवाओं के धरने व प्रदर्शन को लम्बे समय तक अपना समर्थन दिया। इन आंदोलनकारियों में आशा कार्यकत्रियां, पाटनदाईयां, बेरोजगार दंत चिकित्सक, बेरोजगार फार्मासिस्ट, सहायक लेखाकार परीक्षा के अभ्यर्थी, यूपीसीएल पिटकुल में अवर अभियंता की परीक्षा दे चुके युवा, परिवहन विभाग में भर्ती के लिए आंदोलन कर रहे युवा, प्रेरक शिक्षक, एनआईओएस डीएलएड के आंदोलनकारी युवाओं व पीआरडी के जवानों सहित कईं बेरोजगार युवाओं के संगठन शामिल हैं।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे का कहना है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते काफी समय तक कईं आंदोलनकारी महिलाएं व युवा अपनी मांगों को लेकर धरना देते रहे व अनशन करते रहे, किंतु राज्य सरकार ने इन बेरोजगार युवाओं व महिलाओं की कभी सुध नहीं ली। ऐसा प्रतीत होता है मानों सरकार को बेरोजगार युवाओं की जरा भी फिक्र नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के बेरोजगार युवाओं से कईं बड़े-बड़े वादे किये थे और युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने के लिए कईं घोषणाएं भी की थीं किन्तु सरकार बने काफी समय व्यतीत हो जाने के बावजूद आज तक उन घोषणाओं को पूरा नहीं किया गया। फलस्वरूप राज्य का बेरोजगार युवा पुनः सड़कों पर आंदोलन करने को विवश हो रहा है। भावना पांडे ने कहा कि उनका पूरा समर्थन बेरोजगार युवाओं के साथ है और जब तक प्रदेश के सभी बेरोजगार युवाओं व महिलाओं को उनका हक नहीं मिल जाता, तानाशाही के विरुद्ध ये जंग जारी रहेगी।

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