देहरादून। संयुक्त नागरिक संगठन ने ‘विश्व वानिकी दिवस’ पर दून घाटी के जंगलों को संरक्षित रखने हेतु, सड़कों के निर्माण व चौड़ीकरण में वृक्षों की हत्याओं पर जनहित में रोक लगाई जाने की मांग की।
संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से मुख्य मंत्री व मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पर्यावरण प्रेमी दूनवासी विगत वर्षों से पर्यटकों के आवागमन की सुविधाओं के उद्देश्य से नई सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण में काटे गए जीवनदाई पेड़ो के विनाश को देखते आ रहे हैं। अब पर्यटकों की सुविधा दून वासियों की दुविधा बन गई है। शहर की सड़कों पर लगते जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है। यह दुखद है और शीघ्र भयंकर गर्मी में उग्र तापमान का भी कारक बनेगा।
संगठन सचिव सुशील त्यागी ने लिखा है कि भविष्य में ट्रैफिक जाम, जो पर्यावरण के खिलाफ तथा प्रदूषण का भी मुख्य कारण बना है, जिसमें यातायात पुलिस की भूमिका नगण्य है, से दून को मुक्ति दिलाने की कोई भी सटीक योजना अभी तक नहीं बनाई गई है। शहर में मेट्रो, अंडरग्राउंड सड़के, रिसपना बिंदाल पर एलिवेटेड रोड ऐसे ख्याली पुलाव हैं जो भविष्य में ट्रैफिक जाम की समस्याओं में सहायक सिद्ध नहीं होंगे।
इनका यह भी कहना है कि शहरी विकास विभाग, एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी व नगर निगम आदि अभी तक गंभीरता से संबंधित समस्या के समाधान पर समन्वित प्रयास करने में नाकाम रहे हैं। आज ‘विश्व वानिकी दिवस’ पर शासन सरकार और विभाग के स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे, व्याख्यान चर्चाएं होंगी पर इसमें दून घाटी को कंक्रीट की जंगल से बचाए जाने का विषय होगा ही नहीं जो दुखद है।
पत्र के अंत में शहर की सभी सड़कों के ऊपर ऊंचे एलिवेटेड रोड बनाने तथा प्रस्तावित एलिवेटेड रोड को आपस में जोड़ने की मांग करते हुए कहा गया है कि इससे शहर के चारों कोनों से चारों छोरो तक जाने वाले पर्यटक व स्थानीय वाहनों के सैलाब को शहर में प्रवेश की जरूरत ही नहीं होगी। शहर के अंदर आने जाने वाले वाहन आसानी से आ जा सकेंगे। इससे जाम भी नहीं होंगे।
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