मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में भैंस को लेकर अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मथुरा में रात के समय में हरे वृक्षों को अवैध रूप से काटने वाले भूमाफियाओं और बिल्डरों पर जहां कार्रवाई करने में प्रशासनिक अफसरों का दिल रोता है। वहीं, यदि कोई पशु पेड़ के पत्ते चबा जाए तो पशु स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। साथ ही दुधारू पशुओं को कस्टडी में लेकर त्वरित कार्रवाई कर उसे कानून का पाठ पढ़ा दिया जाता है।
नगर निगम ने भैंसों को लिय कस्टडी में
ऐसा ही ताजा मामला वृंदावन के संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र का सामने आया है। जहां हरे पेड़ों के पत्ते चरने पर भैंसों को नगर निगम प्रशासन द्वारा अपनी कस्टडी में ले लिया गया। इतना ही नहीं भैंसों के मालिक के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब किसान अपनी भैंसों को छुड़ाने के लिए आला अफसरों के चक्कर काटने पर मजबूर है।
संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र में घुसीं भैंसें
बता दें कि धार्मिक नगरी में यमुना किनारे संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा पौधारोपण कराया गया था। बीते गुरुवार को लगभग आधा दर्जन भैंस और पड़िया चरते हुए सरंक्षित क्षेत्र में जा घुसे। भैंस कुछ पेड़ों से पत्ते चरने शुरू कर दिए।
भैंस मालिक के खिलाफ केस दर्ज
पेड़ों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी जैसे ही नगर निगम प्रशासन को हुई तो तत्काल निगम की टीम मौके पर जा पहुंची। भेसों को हिरासत में ले लिया गया। नगर निगम के राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार और स्वास्थ्य निरीक्षक सुभाष यादव द्वारा भैंसों के मालिक लाखन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा किसान
पुलिस ने भैंस मालिक लाखन के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत भी धारा लगाई है। निगम प्रशासन ने कस्टडी में ली गई भैंसों को कान्हा गौ आश्रय सदन में रखा है। जबकि किसान अपनी भैंसों को छुड़ाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
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