देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम नदियों का सीना चीरा जा रहा है और सरकारी संपत्ति को ठिकाने लगाया जा रहा है, किंतु किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं हो रहा है। जिस वजह से खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं।
गौरतलब है कि जनपद देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में सोडा सरोली पुल के नीचे सौंग नदी पर एवँ इसके आसपास के इलाके में भारी मात्रा में अवैध खनन किया जा रहा है। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिनभर में सौ से डेढ़ सौ गाड़ियां अवैध रूप से खनन कर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। लगभग यही स्थिति बल्दी नदी पर भी बनी हुई है।
ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक नहीं है। सबकुछ जानने के बावजूद सरकार और उसका महकमा तमाशबीन बना हुआ है। फलस्वरूप नदियों की अवैध खुदाई का ये खेल धड़ल्ले से जारी है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बढ़ चुके हैं कि वे दिनभर में सैकड़ों गाड़ियों से अवैध खनन का चुगान कर रहे हैं मगर कोई इन्हें टोकने वाला नहीं है। खनन माफियाओं से परेशान स्थानीय निवासियों ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवँ जनसेवी भावना पाण्डे से अनुरोध करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में किये जा रहे अवैध खनन के विरुद्ध वे आवाज़ उठाएं।
इस पूरे मामले पर बोलते हुए उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि रायपुर विधानसभा क्षेत्र में खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है। रायपुर की सौंग नदी में किये जा रहे अवैध खनन पर स्थानीय विधायक और सरकार का कोई भी नुमाइंदा ध्यान नही दे रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन से लदी गाड़ियां सुबह चार बजे से माल ढोना शुरु कर देती हैं और दिनभर ये सिलसिला जारी रहता है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वाले माफियाओं की वजह से उन व्यवसायियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है जिन्होंने सरकार को रॉयल्टी देकर खनन पट्टा लिया हुआ है।
उन्होंने कहा कि रायपुर क्षेत्र समेत देहरादून व प्रदेशभर के कईं इलाकों में नदियों में अवैध चोरियां की जा रही हैं। खनन माफियाओं की गाड़ियां बेरोकटोक रातभर लगभग 50-50 चक्कर मार रही हैं। सारे स्टोक से माल भरा जा रहा है। इससे सरकार को करोड़ों रुपयों के राजस्व का चूना लग रहा है, बावजूद इसके अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि स्थानीय विधायकों व जनप्रतिनिधियों की इन खनन माफियाओं के साथ साठगांठ हैं। इस मिलीभगत की वजह से ही मोटे पैमाने पर नदियों में अवैध खनन का ये खेल खेला जा रहा है।
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