देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध जनसेवी भावना पांडे ने पावन पर्व वैकुंठ चतुर्दशी के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं एवं समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ दी हैं।
इस अवसर पर जारी अपने संदेश में उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा- भगवान श्रीहरि विष्णु और देवाधिदेव महादेव के दिव्य संगम के पावन पर्व वैकुंठ चतुर्दशी (हरिहर मिलन) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! यह मंगल अवसर आप सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रकाश का संचार करे।

भावना पांडे ने कहा- वैकुंठ चतुर्दशी एवं हरिहर मिलन एकत्व का दिव्य उत्सव है। आज का दिन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति के दो रूपों का संगम है। वह क्षण जब भगवान विष्णु स्वयं काशी पहुँचे और भगवान शंकर की आराधना की। हज़ार कमलों से पूजा आरंभ हुई, पर जब एक कमल कम पड़ गया तो उन्होंने अपनी कमलनयन आँख ही अर्पित कर दी। महादेव उस भक्ति से प्रसन्न हुए और उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया। यही था वह दिव्य क्षण जब हरि और हर एक हो गए और ब्रह्मांड ने देखा हरिहर मिलन का अलौकिक चमत्कार।
भावना पांडे ने कहा- वैकुंठ चतुर्दशी हमें यह सिखाती है कि भक्ति में न कोई भेद है, न कोई सीमा। जहाँ प्रेम है, वहीं परमात्मा है। आज के दिन शिव को तुलसी अर्पित की जाती है, विष्णु को बिल्वपत्र क्योंकि जब प्रेम सच्चा हो, तो नियम भी भक्ति का हिस्सा बन जाते हैं। काशी, उज्जैन व हरिद्वार समेत हर तीर्थ आज दीपों की आभा से जगमगा रहा है। मंदिरों में गूंजती हैं दो आवाज़ें, पर भाव एक “हर हर महादेव” और “जय श्री विष्णु” आइए, इस वैकुंठ चतुर्दशी पर हम भी अपने भीतर के द्वैत को मिटाएँ, हर रूप में ईश्वर को देखें, और प्रेम से हरि-हर का एकत्व अपनाएँ। क्योंकि सच्ची भक्ति वही है, जो हर दिशा में एक ही प्रकाश देखे। वैकुंठ चतुर्दशी एवं हरिहर मिलन की हार्दिक शुभकामनाएँ।