देहरादून। उत्तराखंड में वर्ष 2016 में राज्य की सियासत में भूचाल लाने वाले स्टिंग ऑपरेशन का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। कोर्ट से नोटिस जारी होने के एक दिन बाद पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने ही सीबीआई जांच के लिए अर्जी लगाई थी और अब उन्हें ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। हरक सिंह ने कहा, मामला आगे जाएगा तो मैं भी खुलकर अपनी बात रखूंगा। जो अभी तक वर्षों से मेरे दिल में दबा है, उसे खोलने में भी संकोच नहीं करूंगा।
एक दिन पहले हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कोर्ट से पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट व निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को नोटिस जारी होने के बाद शुक्रवार को डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने आवास पर डॉ. हरक मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब आठ साल हो गए हैं। अब गड़े मुर्दे क्यों उखाड़े जा रहे हैं, यह उनकी समझ से बाहर है।
राष्ट्रपति शासन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने ही कर दिया था खत्म
हरक सिंह ने सीधे तौर पर सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं।उनके अनुसार वर्ष 2016 केंद्र के राष्ट्रपति शासन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने ही खत्म कर दिया था। पूर्व सीएम हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
हरक सिंह ने विस्तार से बताते हुए साफ किया कि जब वह एक रिजॉर्ट में थे, तब पत्रकार उमेश कुमार का उनके पास फोन आया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत बात करेंगे। हरीश रावत ने जब उनसे बात कि तो उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी नाराजगी उनसे जताई। बकौल हरक, मैंने हरीश जी से कहा कि आप मुझे बार-बार जलील कर रहे हैं। घटिया शराब आप पिला रहे हैं और लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। मैंने हरीश से कहा आप मेरी राजनीति खत्म करना चाहते हैं।
विधायकों को खरीदना गलत बात
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