देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे द्वारा हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद उनके विरोधियों के हौंसले पस्त होते दिखायी दे रहे हैं। वहीं भावना पांडे की हुंकार के बाद उनके प्रतिद्वंदियों के बीच खलबली मच गई है। हालांकि अभी चुनाव होने में काफी समय है किन्तु अभी से उनके विपक्षियों को जमीन खिसकती हुई नजर आ रही है।
वहीं वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे का कहना है कि वे देवभूमि की बेटी हैं, पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए उन्होंने अपने आन्दोलनकारी साथियों संग लंबी लड़ाई लड़ी है किन्तु ये जंग अभी समाप्त नहीं हुई है। पहले राज्य निर्माण के लिए लड़ी थी, अब राज्य को बचाने के लिए लड़ रही हूं।
भावना पांडे ने कहा- ‘‘मैं उत्तराखंड की बेटी हूं, हम बहन-बेटियां व मातृशक्तियां जब लड़कर अपना राज्य ले सकती हैं तो यहां तीसरा विकल्प क्यों नहीं बन सकतीं। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड में आज महिलाओं की स्थिति दयनीय है। भाजपा और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों ने प्रदेश की महिलाओं की कभी सुध नहीं ली। राज्य की महिलाओं की दुर्दशा के लिए ये दोनों पार्टियां ही जिम्मेदार हैं किन्तु अब बहुत हुआ, हम महिलाएं ये सितम और बर्दाश्त नहीं करेंगी। अब समय आ गया है अपने हक के लिए लड़ने का और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा- लड़की हूं, लड़ सकती हूं। हम महिलाएं किसी भी मामले में पुरूषों के मुकाबले पीछे नहीं है बावजूद इसके उत्तराखंड की सरकारों ने कभी भी महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं दिया। उनके चुनाव में खड़े होने पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं वे महिला विरोधी मानसिकता के शिकार हैं। ऐसे लोगों को उत्तराखंड की मातृशक्ति मुंहतोड़ जवाब देंगी।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि हरिद्वार सीट पर उनकी बढ़ती लोकप्रियता और जनाधार से भयभीत विरोधी अब उनका तोड़ ढूंढ़ने में लग गये हैं किन्तु सांच को आंच नहीं। हरिद्वार क्षेत्र की जनता काफी समझदार है, वो सबकुछ साफ देख व समझ रही है। यही जागरूक जनता उनका शोषण करने वाले नेताओं को इस बार सबक सिखाएगी। भावना पांडे ने कहा कि वे युवाओं और महिलाओं की आवाज बनकर चुनाव मैदान में उतरीं हैं। उन्होंने इस चुनाव में सभी से समर्थन की अपील की है।
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