देहरादून/नई दिल्ली। सुभारती समूह से जुड़े गौतम बुद्ध सुभारती मेडिकल कॉलेज, देहरादून और रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी से संबंधित गंभीर शिकायतों और विवादों के बीच अब CBI की सक्रियता तेज हो गई है। आधिकारिक शिकायतों, दस्तावेज़ों और केंद्र की विभिन्न जांच एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर CBI ने प्राथमिक जांच को आगे बढ़ाते हुए कई विभागों से आवश्यक रिकॉर्ड तलब किए हैं।
मामले में संस्थानों पर फर्जी भूमि स्वामित्व, अनियमित तरीके से मेडिकल कॉलेज संचालन, छात्रों से भारी फीस वसूली, 87.50 करोड़ की सरकारी रिकवरी और विभिन्न केंद्रीय व राज्य एजेंसियों को गुमराह करने जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं।
इससे पहले NMC, स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW), UGC, CAG और राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्टों और पत्राचार ने मामले को और संवेदनशील बना दिया था। शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए CBI ने संबंधित दस्तावेज़ जुटाने, जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने और पुराने रिकॉर्ड की जांच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कई छात्रों और अभिभावकों ने लंबे समय से लंबित फीस वापसी और अधूरे मेडिकल मानकों के बावजूद प्रवेश दिए जाने जैसे मुद्दों पर न्याय की मांग की है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि CBI की जांच से तथ्यों पर स्पष्टता आएगी और दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई होगी।
कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि CBI की बढ़ती सक्रियता के बाद संस्थानों के प्रशासकों व ट्रस्टियों से पूछताछ, संदिग्ध दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जांच और पूरे मामले की गहन पड़ताल होने की संभावना है।
सुभारती समूह से जुड़े दोनों संस्थानों में CBI की दस्तक के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज है। राष्ट्रीय स्तर पर उभर चुके इस मामले में अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या CBI पूर्ण जांच शुरू करेगी और क्या सरकार इन मेडिकल संस्थानों के संचालन व मान्यता पर निर्णायक कदम उठाएगी।