November 23, 2024

पर्वत वाणी

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कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ भावना पांडे ने फूंका विरोध का बिगुल

ऋषिकेश। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ पूरी तरह से हल्ला बोलते हुए विरोध का बिगुल फूंक दिया है। ऋषिकेश में मसाल जुलूस निकालकर उन्होंने अग्रवाल की गिरफ्तारी और मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की।

गौरतलब है कि वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने बीती शाम ऋषिकेश की सड़कों पर मसाल जुलूस निकालकर राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि सरकार के महत्वपूर्ण पद पर आसीन व्यक्ति को गुण्डों की तरह सड़कों पर मारपीट करना शोभा नहीं देता।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने मुख्यमंत्री धामी से मांग करते हुए कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल को तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए और शीघ्र अतिशीघ्र अग्रवाल की गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को मंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है जिसे जनता के दुख, दर्द और परेशानियों से कोई सरोकार नहीं हैं। भाजपा के नेता आमजन की समस्याओं को दूर करने के बजाय सड़कों पर मासूम जनता को जानवरों की तरह पीटते हैं, ये तानाशाही की हद है।

हरिद्वार लोकसभा सीट से जेसीपी की प्रत्याशी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार के राज में आम जनता पर खुलेआम अत्याचार किया जा रहा है, प्रदेश में अपराध चरम पर है। राज्य से लड़कियां गायब हो रही हैं और चारों तरफ माफियाराज छाया हुआ है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी व भाजपा हाईकमान तत्काल प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई करे और मंत्री पद से हटाए।

बताते चलें कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा ऋषिकेश निवासी सुरेन्द्र नेगी की सड़क पर की गई पिटाई के विरोध में बीते रोज मातृशक्ति, युवा एवं क्षेत्रीय जनता सड़कों पर उतर आये और अग्रवाल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मसाल जुलूस निकाला। इस दौरान उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे भी मौजूद रहीं और मशाल लेकर भाजपा सरकार व उसके मंत्री के विरूद्ध हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता अब जागरूक हो चुकी है। जनता भाजपा के कर्मों का हिसाब करेगी, जिसका खामियाजा उसे आगामी लोकसभा चुनाव में भुगतना होगा।

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