देहरादून। प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने सेना में तैनात महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये ठग लिए। साइबर थाने में दी गई शिकायत के बाद रायपुर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रायपुर में रहने वाली नीरू भारतीय सेना में मिलिट्री नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत हैं। उनकी तैनाती सूडान में है और इन दिनों वह अपने घर देहरादून आई हुईं हैं। नीरू ने बताया कि 17 अगस्त की सुबह उन्हें एक फोन काल आई। काल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि उनका बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किया जा रहा है।
एफआइआर दर्ज
अधिक जानकारी के लिए मोबाइल के की-पैड से नौ नंबर दबाने को कहा गया। इसके बाद एक व्यक्ति फोन काल पर जुड़ा और उसने बताया कि नीरू की आइडी पर एक और मोबाइल नंबर 15 जुलाई को एक्टिवेट कराया गया है, जो मुंबई में चल रहा है।
उसने बताया कि जो व्यक्ति यह नंबर उपयोग कर रहा है, उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इसलिए नीरू की आइडी पर चल रहे सभी नंबर बंद किए जा रहे हैं। अधिक जानकारी लेने के लिए उक्त व्यक्ति ने काल ट्रांसफर कर मुंबई पुलिस अधिकारी से बात करने को कहा।
आरोपितों ने वीडियो काल पर बात की
नीरू ने बताया कि इसके बाद आरोपितों ने वीडियो काल पर बात की, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में बैठा हुआ था। उसने अपना नाम प्रदीप सावंत बताया और नीरू के बारे में पूरी जानकारी जुटानी शुरू कर दी। व्यक्ति ने कहा कि आपका कैनरा बैंक में एक अकाउंट है जो मनी लांड्रिंग में उपयोग किया गया है और यह मामला बड़े घोटाले से जुड़ा हुआ है।
इसके बाद उनकी बात एक अन्य व्यक्ति से कराई, जिसे सीबीआइ इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा बताया गया। मिश्रा ने नीरू को डराया कि उनके खिलाफ काफी सबूत हैं और अदालत केवल साक्ष्यों को मानती है। काल करने वाले ने एक खाता नंबर भेजा और मामला रफा-दफा करने के लिए तत्काल 15 लाख रुपये जमा करने को कहा। नीरू ने यह धनराशि ट्रांसफर कर दी।
पांच घंटे तक बनाए रखा आनलाइन बंधक
नीरू ने बताया कि साइबर ठगों ने उन्हें सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक आनलाइन रखा और अपने पहचान-पत्र भेजकर डराया कि यदि किसी को इसकी जानकारी दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शक होने पर जब उन्होंने आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह मुंबई पुलिस व सीबीआइ से नहीं, बल्कि साइबर ठग हैं। इस मामले में रायपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें
- केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर अनजान नंबरों से आने वाली काल, एसएमएस या ईमेल से सावधान रहें। किसी भी व्यक्तिगत या खाते की जानकारी शेयर न करें। कोई एप डाउनलोड न करें। इस संबंध में अपनी बैंक की शाखा से संपर्क करें।
- पार्सल को मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से पकड़े जाने, अवैध सामग्री होने की बात पर यकीन न करें क्योंकि कोई पार्सल भेजा ही नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है। 92 अंक से शुरू होने वाले नंबर से आई काल को न उठाएं।
- शेयर मार्केट में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने के फेर में न पड़ें। इस तरह आने वाले मैसेज से परेशान न हों। इसकी सत्यता की जांच करा लें। इस बात का पता कर लें कि आपकी धनराशि जिस कंपनी में निवेश के लिए लगाई जा रही है वह सेबी में रजिस्टर्ड है भी या नहीं।
- अज्ञात नंबरों से आई काल से अनजान व्यक्ति दोस्त बताकर खाते में रुपये डालने की बात करते हैं। इसके बाद खाते में रुपये मंगवाते हैं। इससे बचें। जिन नंबरों से काल आई है उसे सत्यापित कर लें।
- व्हाट्सएप पर काल कर कोई यदि पुलिस की वर्दी पहनकर कहे कि उनका बेटा, रिश्तेदार कब्जे में है, वह फलां अपराध में पकड़ा गया है और छुड़वाने के लिए रुपये मांगे जाते हैं तो सावधान हो जाएं। इसी स्थिति में बेटा, रिश्तेदार, उसके दोस्त या उसके संस्थान में फोन कर सत्यता जांच लें।
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