देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। खराब मौसम को देखते हुए एसडीआरएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश गए हैं। जबकि 36 संवेदनशील स्थानों पर रेस्क्यू टीमें तैनात की गई हैं। प्रदेश में मानसून की सक्रियता को देखते हुए आपात स्थिति से निपटने को एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट में आपात बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें एसडीआरएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए।
सेनानायक ने बताया कि प्रदेश के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में 36 रेस्क्यू टीमों को तैनात की गई हैं। सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने एसडीआरएफ की पोस्टों में तैनात जवानों को जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि मानसून को देखते हुए अतिवृष्टि से बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना आदि घटनाओं की प्रबल संभावनाएं हैं। जिसके चलते सभी को अलर्ट रहना है और किसी भी घटना पर न्यूनतम समय में रेस्क्यू शुरू कर देना है। सेनानायक ने कंट्रोल रूम को भी अलर्ट मोड पर रहने और देहरादून सचिवालय में स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र के संपर्क में रहकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए।
अंडर वाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम, रिमोटली ऑपरेटेड लाइफबॉय, स्कूबा डाइविंग सेट, डाइविंग कम्युनिकेशन सेट, स्पीड मोटर बोट, राफ्ट, कोल्ड वाटर रेस्क्यू सूट जैसे अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरणों से लैस होकर कार्य करने को निर्देशित किया। इस दौरान जवानों को मौसम पूर्वानुमान, एडवांस राफ्टिंग प्रशिक्षण, कयाकिंग कोर्स, ओबीएम मेंटेनेंस कोर्स, भूस्खलन/बरसाती नालों के प्रति संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर खतरे से सचेत करने को साइनबोर्ड लगाने आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
ये हैं संवेदनशील स्थान
देहरादून- सहस्त्रधारा, डाकपत्थर, चकराता
टिहरी- ढालवाला (ऋषिकेश), कोटी कॉलोनी, ब्यासी (कौडियाला), घनसाली,
उत्तरकाशी- उजेली, भटवाड़ी, गंगोत्री, बड़कोट, जानकीचट्टी, मोरी, चिन्यालीसौड़
पौड़ी गढ़वाल- श्रीनगर, कोटद्वार, चमोली-गौचर, जोशीमठ, पांडुकेश्वर, श्री बदरीनाथ, घांघरिया, हेमकुंड
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