हरिद्वार। अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महंत बनाते हुए गुरु दीक्षा देने का मामला तूल पकड़ गया है। सोशल मीडिया के जरिये ये खबर सामने आने पर जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने मामले में की जांच कराने की बात कही है। किसने संत बनाया, कौन इसमें शामिल रहा इसको लेकर सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित की जाएगी।
अल्मोड़ा के रानीखेत स्थित खनौइया गांव निवासी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी छोटा राजन का दाहिनी हाथ हुआ करता था। इन दिनों वह अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पिछले साल अगस्त में पौड़ी जेल से पीपी को हरिद्वार जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था, मगर कुछ माह पहले उसे अल्मोड़ा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। हाल ही में पीपी पांडेय को अल्मोड़ा जेल में गुरु दीक्षा देते हुए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महंत बनाने की बात सामने आई है। साथ ही उसे कई मंदिरों का मुख्य महंत भी बनाने का दावा किया गया है।
जेल में बंद गैंगस्टर को जूना अखाड़ा का संत बनाने की बात पता चलने पर अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्रीमहंत हरिगिरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये पूरी तरह से गलत है। इस मामले को लेकर सात सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। लालच में अगर किसी ने तरह का काम किया है तो इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सत्या क्या इसका पता लगाने के लिए ही फिलहाल कमेटी का गठन किया जाएगा।
जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। अगर अखाड़े के ही महात्माओं ने ये किया है तो उन्हें भी बाहर रास्ता दिखाया जाएगा। जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत हरिगिरी का कहना है कि अखाड़े ने कोई महामंडलेश्वर नहीं बनाया है। अखाड़े के एक बाबा ने उन्हें अपना चेला बनाया है। फिर भी जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। जो रिपेार्ट देगी, उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी। महामंडलेश्वर बनाने की लंबी प्रक्रिया है, वो भी केवल कुंभ में बनाए जाते हैं।
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