November 16, 2024

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आखिर क्या वजह है जो तख्तापलट मामले पर चुप्पी साधे है धामी सरकार : भावना पांडे

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार द्वारा विधानसभा में सरकार गिराने की बात कहे जाने के मामले पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी क्या वजह है जो धामी सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे है? यदि ऐसी कोई बात कहीं उठी है तो सरकार उमेश कुमार से इसके पुख्ता सबूत मांगे और इसकी निष्पक्ष जांच कराये।

भावना पांडे ने कहा, ‘‘विधानसभा सत्र के दौरान उमेश कुमार ने कहा कि धामी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है जिसमें 500 करोड़ रूपये लग रहे हैं।’’ आखिर उमेश कुमार को इस बात की खबर कैसे हुई जबकि प्रदेश के खुफिया तंत्र को भी इसकी जानकारी नहीं। रूपये लेकर सरकारें गिराने का काम तो स्वयं उमेश कुमार करता है। कहीं इस बड़े षड़यंत्र का सूत्रधार उमेश कुमार स्वयं तो नहीं, जो बीस करोड़ में सरकार गिरा देता है? ये 500 करोड़ का रेट कब से हो गया, क्या उत्तराखंड में कोई हीरे की खान निकल आई है?

भावना पांडे ने कहा कि आखिर ये कैसे विधायक हैं जिन्हें ये तक नहीं मालूम की विधानसभा के भीतर किस प्रकार के प्रश्न उठाने चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कल तक भाजपा के विरूद्ध चुनाव लड़ने वाला उमेश कुमार आखिर भाजपा का सगा कैसे हो गया, क्या धामी सरकार ने उसे कोई बड़ा लाभ पहुंचाया है? इसकी हरकतें देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री आखिर इस पर इतने मेहरबान क्यों हैं जो इसे घूमने के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर तक उपलब्ध करवा देते हैं। जबकि भाजपा और कांग्रेस के विधायकों को आसानी से सरकारी हेलीकॉप्टर नहीं मिल पाते। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में तड़पती जनता के लिए तो सरकार हेलीकॉप्टर नहीं भेज पाती, वहीं उमेश कुमार पर इतनी रहमदिली क्यों? कौन है ये उमेश कुमार, आखिर कौन सी नब्ज दबी हुई है आपकी?

भावना पांडे ने कहा कि निर्दलीय विधायक ने सरकार के तख्तापलट मामले में बिना ठोस सबूत के बयानबाज़ी की और डील (लेन-देन) संबंधी बड़ा बयान दिया, आखिर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस बात का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया? एक निर्दलीय विधायक को सदन में बोलने के लिए अधिक समय प्रदान करना, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय ना देना प्रदेश के हित में नहीं है। सदन में आम व गरीब जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती थी किन्तु ऐसा नहीं हुआ। आखिर विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में इतनी कमजोर क्यों पड़ गईं, उन्हें इस मामले में एक मजबूत स्टैंड लेना चाहिए था। उनके पास पावर है और साथ ही वे एक महिला भी हैं, महिलाओं को मजबूत होना चाहिए। सदन में इस तरह के बेबुनियाद मुद्दे उठाये जाना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

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