देहरादून। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहसपुर थाना क्षेत्र के धर्मावाला के समीप बाइक अज्ञात ट्रक की चपेट में आ गई। हादसे में बाइक सवार महिला और उनकी छह वर्षीय बेटी की मौत हो गई। पति और पांच वर्षीय बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। बाइक पर कुल पांच लोग सवार थे।
जानकारी के अनुसार छुटमलपुर जिला सहारनपुर यूपी का रहने वाला इरशाद परिवार समेत अपने बड़े भाई नियाज के बेटे और बेटी की शादी समारोह में शामिल होने पहाड़ी गली विकासनगर आया हुआ था। बीते बुधवार को शादी समारोह निपट गया था। बृहस्पतिवार की शाम को वह बाइक पर सवार होकर परिवार समेत छुटमलपुर लौट रहा था। वह मेहनत मजदूरी करता है। बाइक में उसके साथ पत्नी गुलिस्ता प्रवीन (36), बेटी अलफीसा (10), बेटा असद (5), मोहम्मद शाद (2) सवार थे। बताया जा रहा है कि शाम करीब पौने चार बजे वे धर्मावाला चौकी से करीब 500 मीटर आगे पहुंचे।
इस दौरान इरशाद ट्रक को ओवरटेक करने लगा, लेकिन ट्रक के चालक ने गति कम नहीं की। इस बीच सामने से आ रहे बाइक सवार को बचाने के लिए इरशाद ने बाइक को ट्रक की ओर मोड़ दिया। जिससे बाइक ट्रक की चपेट में आकर अनियंत्रित होकर सड़क पर रपट गई। ट्रक का पहिया पत्नी के पेट और बेटी के सिर के ऊपर से होकर गुजर गया।
इरशाद और बेटे असद का पैर भी ट्रक की चपेट में आ गया। छोटा बेटा मोहम्मद साद छिटक कर गिर गया। उसे चोटें नहीं आई। हादसे के बाद चालक ट्रक समेत मौके से फरार हो गया। वहां से गुजर रहे लोगों ने हादसे की जानकारी सहसपुर थाना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 108 से सभी घायलों को उप जिला अस्पताल विकासनगर भिजवाया। जहां चिकित्सकों ने गुलिस्ता प्रवीन और अलफीसा को मृत घोषित कर दिया। इरशाद और असद को प्राथमिक उपचार के बाद दून रेफर कर दिया। थाना प्रभारी सहसपुर मुकेश त्यागी ने बताया कि ट्रक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
बीते बुधवार तक हादसे का शिकार हुए इरशाद के पहाड़ी गली निवासी बड़े भाई नियाज के यहां शादी की खुशियां थी। शादी की व्यस्तता के चलते इरशाद एक और दिन भाई के यहां रुक गया था, लेकिन इरशाद को क्या मालूम था कि एक दिन बाद उसकी दुनिया लुटने वाली है। काल बनकर आया ट्रक इरशाद को जीवन भर का जख्म दे गया। इरशाद करीब तीन बजे हंसी खुशी बड़े भाई नियाज से विदा लेकर छुटमलपुर के लिए निकाला था। हादसे की खबर लगते ही परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। सभी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। जहां गुलिस्ता प्रवीन और अलफीसा के बेजान शरीर पड़े थे। भाई के साथ हुए हादसे से बड़ा भाई नियाज भी गहरे सदमे में है।
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