देहरादून। शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलवार को राजभवन में ‘‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ सम्मान समारोह आयोजित हुआ। समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने वर्ष 2022 में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कारों के लिए चयनित 17 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया। वर्ष 2022 में चयनित 10 प्रारम्भिक शिक्षक, 06 माध्यमिक शिक्षक एवं 01 शिक्षक प्रशिक्षक को यह सम्मान प्रदान किया गया है।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात उनका दायित्व और भूमिका और भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक पुरस्कार से चयनित उत्कृष्ट शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी परंपराओं में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वे माता-पिता के बाद बच्चों के सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं। हम सभी को जो भी ज्ञान प्राप्त होता है वह गुरु की ही कृपा से संभव होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही बच्चों के भविष्य को सही दिशा में ले जा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि 2047 तक भारत को विश्वगुरु और सर्वश्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में शिक्षकों की अहम भूमिका होगी।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे यशस्वी शिक्षकों के मार्गदर्शन में स्वर्णिम भारत का निर्माण हो रहा है। पूरे समाज की सोच, विचार और धारणा को शिक्षक ही बदल सकते हैं।उन्होंने कहा कि शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही हमारे विद्यार्थी शिक्षा, ज्ञान और अपने कौशल के बल पर भारत को सशक्त, समृद्ध और विश्वगुरु के रूप में पुर्नस्थापित करेंगे। उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य हेतु शिक्षकों को अपना उत्कृष्ट योगदान देने की अपील की।
शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता तथा विद्यार्थियों को अपना सर्वस्व देने वाला बताया। उन्होंने शैक्षिक पुरस्कार सम्मान राशि को 10 हजार रू. से 21 हजार रू. किये जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 35 प्रतिशत महिलाओं का शामिल होना मातृशक्ति का भी सम्मान बताया। मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए विद्यार्थियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से अपेक्षा की कि आप सब अपनी मौलिक जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित कर एक ऐसी नई पीढ़ी का निर्माण करें, जो ज्ञान और विवेक के सामंजस्य से परिपूर्ण हो ताकि वह आज की सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान कर सके। यही हमारे शिक्षक होने की सार्थकता है। यही सच्चे अर्थों में ‘शिक्षक दिवस’ की प्रामाणिकता है और यही डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को श्रेष्ठतम नमन करने का सुअवसर भी है, भारत भूमि ने अनेक उच्च श्रेणी के शिक्षक हमें दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई शिक्षा नीति हमारे बच्चों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने का एक प्रयास है, जिसे विभिन्न हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। जिसमें हमारे शिक्षकों की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति को सफल और फलदायी बनाने की केंद्रीय भूमिका में शिक्षक ही होते हैं। इसे इस तरह से आत्मसात करना होगा कि यह नीति छात्रों के जीवन का आधार बन जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल वाटिका के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य है। सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही शिक्षकों को सक्षम बनाने हेतु सभी प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके और छात्रों को भी नई तकनीकों में निपुण किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अमृतकाल के ‘पंच प्रणों’ पर स्कूलों में नियमित रूप से चर्चा की जाए, ताकि छात्रों में इसकी भावना स्पष्ट हो सके।
शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मान समारोह की विस्तृत जानकारी दी। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, शिक्षा विभाग के अन्य उच्च अधिकारीगण और पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
वर्ष-2022 के लिए ‘‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ प्राप्त करने वाले शिक्षक/शिक्षिकाओं की सूची
1. आशा बुड़ाकोटि, प्र०अ०, रा०आ०प्रा०वि० कोटलमण्डा, द्वारीखाल, पौड़ी।
2. संजय कुमार कुकसाल, प्र०अ०, रा०आ०प्रा०वि० बड़ेथी, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी।
3. ऊषा गौड़, स०अ०, रा०पू०मा०वि० डोईवाला, देहरादून।
4. संजय कुमार, प्र०अ०, रा०उ०प्रा०वि० रोशनाबाद, हरिद्वार।
5. उत्तम सिंह राणा, प्र०अ०, रा०प्रा०वि० उलाणा, कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल।
6. रवीश चन्द्र पचौली, स०अ०, रा०उ०प्रा०वि० बिसारी, चम्पावत।
7. सुरेश चन्द्र सती, स०अ०, रा०जू०हा० पिंगलों, बागेश्वर।
8. डॉ0 आशा बिष्ट, प्र०अ०, रा०प्रा०वि० धुलई, भीमताल, नैनीताल।
9. गंगा आर्या, प्र०अ०, रा०प्रा०वि० भट्टीगांव, बेरीनाग, पिथौरागढ़।
10. यशोदा काण्डपाल, स०अ०, रा०जू०हा० पौड़ा कोठार, ताड़ीखेत, अल्मोड़ा।
11. लोकेन्द्रपाल सिंह परमार, प्रवक्ता, रा०आ०कीर्ति इ०का० उत्तरकाशी।
12. संजय कुमार मौर्य, प्रवक्ता, रा०इ०का० क्वानू देहरादून।
13. दंमयन्ती चन्द, स०अ०, अ०उ०एस०एस०एस०डी०डी०जे०रा०इ०का० बड़ाबे, पिथौरागढ़।
14. डॉ0 प्रभाकर जोशी, प्रवक्ता, रा०इ०का० स्यालीधार, अल्मोड़ा।
15. त्रिभुवन चन्द्र लोबियाल, प्रवक्ता, जे०एस० माजिला स्मारक रा०इ०का० काण्डा, बागेश्वर।
16. निर्मल कुमार न्योलिया, प्रवक्ता, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खटीमा, उधमसिंह नगर
17. डॉ0 शैलेन्द्र सिंह धपोला, प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बागेश्वर, बागेश्वर।
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