देहरादून। कांग्रेस ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किए जाने पर सवाल उठाने के साथ ही इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि सरकार का यह कदम अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार यानी डबल इंजन के शीर्ष ने 2000 रुपये के नोट को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। ठीक वही तर्क दिए हैं, जैसे आम नोटबंदी के समय दिए थे। तब भी हमने कहा था कि इन तर्कों से में से कोई भी मंशा पूरी नहीं हो जा रही है। इस निर्णय से अर्थव्यवस्था की अस्थिरता जाहिर होगी। मगर एक बात की पुष्टि हो गई कि नोटबंदी के दौरान प्रचलन में रहे 2000 रुपये के नोट से काला धन बढ़ा है। कांग्रेस ने तब भी इसकी आलोचना की थी। अब देखते हैं कि कितना काला धन इसके बाद बाहर आता है। नाचते-कूदते सब कुछ सामने आएगा।
न काला धन रुका, न रुका आतंकवाद
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि 2000 रुपये को बंद करना सरकार का तुगलकी फरमान है। नोटबंदी से पहले भी जनता को लाभ नहीं हुआ है। इससे सिर्फ और सिर्फ जनता परेशान होगी। इसमें केंद्र सरकार की कर्नाटक में हार की खीझ भी झलकती है। इससे काला धन पर अंकुश लगने की बात बेमायने है।
माहरा ने कहा कि नोटबंदी के दौरान 2000 रुपये के नए नोट लाने से बहुत खर्च भी बढ़ा। नए नोट की छपाई पर बड़ी राशि खर्च की गई। तमाम एटीएम को नए नोट के अनुसार व्यवस्थित किया गया। केंद्र सरकार के दावे के अनुसार न तो काले धन पर रोक लगी और न ही आतंकवाद पर अंकुश लग पाया। यही नहीं अब तक जितनी जाली करेंसी पकड़ी गईं, उनमें अधिकतर में 500 रुपये के नोट पकड़े गए।
मुद्रा में स्थायित्व न होना चिंताजनक
पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा। पहले भी ऐसे कदमों ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। यदि मुद्रा में स्थायित्व नहीं होगा तो यह चिंता का विषय है।
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