देहरादून। वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, उत्तराखड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारण आई आपदा पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि प्रभावितों का तत्काल पुनर्वास सुनिश्चित करने के साथ ही इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल जोशीमठ नगर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा कि जोशीमठ की वर्तमान स्थिति की तस्वीरें काफी भयभीत करने वाली हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जोशीमठ आपदा मामले को ना सिर्फ राज्य सरकार बल्कि केन्द्र सरकार को भी गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने जानमाल एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए सुझाव देते हुए कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में बड़े निर्माण कार्य एवं सुरंग खोदने का काम तुरंत बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में चार सौ से अधिक भू-धंसाव वाले क्षेत्र हैं। इनका भी सर्वे कर प्रभावितों को हर सभव मदद दी जाए।
जनसेवी भावना पाडे ने कहा कि जोशीमठ हिमालय क्षेत्र का द्वार होने के साथ ही भगवान बदरीनाथ की प्रवेश सीमा का महत्वपूर्ण धार्मिक नगर है। यहां की धार्मिक सनातनी संस्कृति विश्वस्तर पर विख्यात है। स्थानीय निवासियों की समस्याओं व जोशीमठ शहर में भू-धंसाव के समाधान को लेकर सरकार को युद्धस्तर पर कार्य करने होंगे, जिससे पर्यटन प्रदेश की छवि को नुकसान होने से बचाया जा सके। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से प्रभावितों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की है।
वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखण्ड के सभी सक्षम लोगों से आपदा प्रभावितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रदेश वासियों को आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों की सहायता हेतु मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आपदा पीड़ितों को राहत पंहुचाने के लिए कोई कसर बाकी ना छोड़ी जाए।
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