दिल्ली/देहरादून। अपने खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज संगीन मामले को लेकर तथाकथित पत्रकार और स्टिंगबाज़ के नाम से मशहूर साथ ही ब्लैकमेलर के नाम से बदनाम वर्तमान में विधायक उमेश कुमार बौखला रखा है। विधायक वो वर्तमान में हैं लेकिन केस कोर्ट में तब का है जब वो सिर्फ और सिर्फ ब्लैकमेलर के नाम से बदनाम थे।
दरअसल बड़ी खबर ये है कि विधायक उमेश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से समझौता करना चाहते हैं। मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सूत्रों के अनुसार उमेश कुमार के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायाधीश के सामने ये अरदास की।
सूत्रों के मुताबिक कपिल सिब्बल ने समझौते को अंग्रेजी में सेटलमेंट शब्द दिया। ये सब जानते हैं कि जब उमेश कुमार तथाकथित पत्रकार थे वो तब भी सेटलमेंट ही करते थे और करोड़ों अर्भों की संपत्ति के मालिक इसी सेटलमेंट पर बन गए।
सूत्रों के मुताबिक उमेश के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल उमेश कुमार त्रिवेंद्र सिंह रावत की याचिका का समर्थन करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक त्रिवेंद्र सिंह रावत के वकील नाडकर्णी ने न्यायाधीश के आगे ये तर्क रखा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय का फैसला न्याय की नीति के विरुद्ध था और इसी वजह से उसको रद्द किया जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार उमेश कुमार के वकील कपिल सिब्बल ने त्रिवेंद्र के वकील को जिरह के बीच रोकते हुए कहा कि वह इस मामले में प्रोसिक्यूट नहीं करना चाहते।
इससे पूरे मामले को लेकर अब सर्वोच्च अदालत ने 4 जनवरी का दिन सुनवाई के लिए रखा है। इस मामले की जस्टिस यम आर शाह और एम एम सुंदरेश की बेंच ने सुनवाई की।
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